Monday 30 September 2013

गाँधी जयंती राष्ट्रीय पर्व नहीं !

   Delhi: 2 अक्टूबर को गांधी जयंती,15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पूरे देश में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है! राष्ट्रीय पर्व के रूप में ही इन तिथियों पर अवकाश भी रहता है, लेकिन सरकारी दस्तावेज में इनका कोई उल्लेख नहीं है!
    लखनऊ के एक स्कूल में सातवीं की छात्रा ऐश्वर्या पराशर ने  (आरटीआइ) से इन तिथियों को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने संबंधी जानकारी मांगी थी! जिसके बाद केंद्र सरकार ने 13 सितंबर को  ऐश्वर्या को जानकारी भेजी जिसके मुताबिक, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने संबंधी कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है.
इस जवाब से निराश लोग अब यह कह रहे है कि - अब तक किताबों में गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को राष्ट्रीय पर्व के रूप में पढ़ रहे थे! लेकिन इनके बारे में किसी आदेश का न होना आश्चर्य पैदा करता है.' इससे पहले ऐश्वर्या ने केंद्र सरकार से महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने संबंधी किसी आदेश की जानकारी मांगी थी.


ऐश्वर्या के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 18-1- का हवाला देकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने से इंकार करते हुए आरटीआई की अर्जी को राष्ट्रीय अभिलेखागार भेज दिया था. इसके बाद ऐश्वर्या ने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील की. केंद्रीय सूचना आयुक्त बसंत सेठ के 7 अगस्त के आदेश में कहा गया कि केंद्र के पास गांधी जी को राष्ट्रपिता घोषित करने का कोई अभिलेख नहीं है!
                       

Wednesday 25 September 2013

E- बाज़ार का बढ़ता क्रेज

   
आज कल के युवाओ में ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदने का एक चलन सा हो गया है ! चाहे उन्हें कोई स्मार्ट फ़ोन खरीदना हो,या प्रतिदिन के उपयोग के लिए कपडे ! इस सब के लिए दौडती भागती जिंदगी में शायद आज के युवा के लिए टाइम नहीं है !
 तभी तो वह लैपटॉप या कंप्यूटर के की-बोर्ड पर ऊँगली घुमाते हुए अपने ज़रुरत के सामान को वेबसाइट के माध्यम से ढूढना शुरू कर देता है और प्रोडक्ट के मिलते ही वह मन पसंद चीजों को आर्डर कर देता है !
                                                                                       

                                                                                      इसके लिए ऑनलाइन बाज़ार में एक संघर्ष का दौर सा चल पड़ा है , कंपनी एक से बढ़ कर एक डील दे रही है !

केंद्र सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को चुनावी तोहफा !


  केंद्र सरकार ने देश के लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 30 लाख पेंशनर्स को एक और बड़ा तोहफा दिया है, अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के महगाई भत्ते में बढ़ोतरी किया था, महज कुछ दिन बाद ही यूपीए सरकार ने सातवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। यह वेतन आयोग अगले 2 साल में अपनी सिफारिशें पेश करेगा। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को प्रधानमंत्री द्वारा नए वित्‍त आयोग के गठन को मंजूरी दिए जाने की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि इस आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होंगी।वेतन आयोग के चेयरमैन और सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी।
   जानकार इसे चुनावी तोहफा मान रहे हैं क्योंकि इस बार चुनाव को देखते हुए सरकार ने वक्त से पहले ही वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। जानकारों का यह मानना है कि इस बार सरकार तय वक्त से वेतन आयोग की सिफारिशों को भी लागू कर देगी। इससे पहले छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार ने 1 जनवरी 2006 से लागू किया था।

Friday 13 September 2013

दिल्ली गैंगरेप के चारों दोषियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट।

   दिल्ली के वसंत विहार गैंगरप केस में फैसला. ज्योति सिंह पांडेय के हत्यारों का फांसी की सजा. मुकेश, विनय, पवन और अक्षय ठाकुर को फांसी. साकेत कोर्ट ने सुनाई सजा.
फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद चारों दोषी कोर्ट में चीख-चीख कर रोए !


बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
By-AAJ TAK



http://aajtak.intoday.in/story/delhi-gang-rape-capital-punishment-for-all-four-convicts-1-741617.html

2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामला गुनहगारों को सजा ए मौत !

दिल्ली में 16 दिसंबर की रात जो दरिंदगी दिखाई गई , अदालत ने आज उस पर अपना फैसला सुनाकर इंसाफ दे दिया। दामिनी के चार दरिंदों को सजा-ए-मौत सुनाई गई है।मंगलवार को सभी दोषियों को 11 धाराओं के तहत दोषी पाया गया था। और बुधवार को जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रखा था।

करीब दस महीने पहले दिल्ली की एक सर्द रात में छह दरिंदों ने बेसहारा युवती के साथ जो किया, उसके सामने हैवानियत, दरिंदगी, वहशियाना जैसे लफ्ज भी बौने पड़ गए। लेकिन 11 सितंबर के ऐतिहासिक दिन दामिनी को आखिरकार न्याय मिला।बुधवार को हुई बहस के दौरान सरकारी वकील ने चारों दोषियों के लिए सजा-ए-मौत की मांग की थी, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि उन्हें सुधरने के लिए एक मौका दिया जाना चाहिए।इस घटना की वजह से देश भर में विरोध-प्रदर्शन हुए थे और महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराध जैसी गंभीर समस्या को उठाया गया।





सरकार भी बलात्कार के मामलों में ज्यादा सख्त कानून लाने पर मजबूर हुई।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने खचाखच भरी अदालत में मंगलवार को कहा था कि अभियोजन पक्ष ने जो गवाह और सबूत सामने रखे, उसके बाद इस बात में कोई संदेह नहीं बचा कि मुकेश, विनय कुमार, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता 16 दिसंबर को बस में 23 वर्षीय युवती से ज्यादती की और उस पर हमला किया।अदालत का कहना था कि पीड़िता के बयान, अभियोजन पक्ष की ओर से पेश 85 गवाह, डीएनए, फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों से यह साफ होता है कि आरोपी, दोषी हैं।

अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों के लिए सजा-ए-मौत की मांगी, क्योंकि उनके हिसाब से यह अपराध 'रेयरस्ट ऑफ रेयर' की श्रेणी में आता है।


Friday 6 September 2013

भारत की प्रथम महिला मुख्य सूचना आयुक्त बनीं दीपक संधु, संभाला पद !

                                         संधु 1971 बैच की आईआईएस अफसर हैं। इससे पहले वे पीआईबी में प्रधान महानिदेशक, डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो की महानिदेशक रह चुकी हैं। 
    इस पद पर पहुंचने वाली वह भारत की पहली  महिला  हैं। ५ सितम्बर २०१३ को राष्ट्रपति भवन के एक समारोह में माननीय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।  ६४ वर्षीय इस अधिकारी के लिए सबसे बड़ी चुनौती विभाग में लम्बे समय लंबित पड़े मामलो को निबटाने की होगी। 


                                                                                     

Thursday 5 September 2013

Education Nest: Admission through ECA to be tougher

Education Nest: Admission through ECA to be tougher: Increased number of applicants and new guidelines make competition tough  Despite changes in sports/ECA policy, students’ stru...